क्यों खुद को तू जलाती है? क्या मेरी आवाज़ सुन नहीं पाती है? क्यों खुद को तू जलाती है? क्या मेरी आवाज़ सुन नहीं पाती है?
बनी है सबकी अपनी अपनी सीमाएं, धारणाएँ बनीं, बनी है सबकी अपनी अपनी सीमाएं, धारणाएँ बनीं,
पांच वर्षों तक शक्ल नहीं दिखाते ये नेता फिर से घूम रहे गली गली पांच वर्षों तक शक्ल नहीं दिखाते ये नेता फिर से घूम रहे गली गली
माँ की कोख से नन्ही सी कली की आई पुकार मैं हूं तेरा अंश,माँ मुझे मत मार। लेकर फैसला माँ की कोख से नन्ही सी कली की आई पुकार मैं हूं तेरा अंश,माँ मुझे मत मार। ...
आई सबकी फिर आवाज, रहोगे तुम्हीं हमारे सरताज, जब तक हैं दुनिया में जंगल करते रहोगे तुम ही रा... आई सबकी फिर आवाज, रहोगे तुम्हीं हमारे सरताज, जब तक हैं दुनिया में जंगल ...
माँ जन्म अगर देना मुझको तो शस्त्र चलाना सिखलाना अब राक्षस रहते नर तन में तुम सँस्कार माँ जन्म अगर देना मुझको तो शस्त्र चलाना सिखलाना अब राक्षस रहते नर तन में ...